Anju Dixit

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कहाँ मिलती वो मोहबतें

शीर

कहाँ मिलती मोहब्बत ,
वो पहली बाली,
जब लोग बिन देखे,
किसी को अपना सब कुछ मान लेते थे,
आज कल, पढ़ाई ,सूरत, सीरत,
सब देख कर भी क्यों ?
किसी को अपना नही मान पाते।

एक दो दिन मिलते लोग ,
झट से इकरार , कर लेते,
कितनी कसमें खा लेते, 
समझते नही जज्बों का मोल,
एकदूसरे को लाइक पसन्द कर जाते।

नादान हैं जो समझते नही,
 दिल की कसौटी पर कसते नही,
अपने दिल को बहलाने को,
किसी के जज्बों, एहसासों से,
चन्द दिन साथ रहके,उम्रभर का खिलबाड़ कर जाते।

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4 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

23-Sep-2021 10:10 AM

Nice

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Gunjan Kamal

22-Sep-2021 11:46 AM

Very nice 👌

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🤫

22-Sep-2021 10:08 AM

...👌

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